नागपुर न्यूज डेस्क: नागपुर की रहने वाली सुनीता जमगड़े को पुलिस ने जासूसी के संदेह में गिरफ्तार किया है और अब उसे 2 जून तक हिरासत में भेज दिया गया है। बताया जा रहा है कि सुनीता 14 मई को करगिल से नियंत्रण रेखा के पास स्थित हुंदरमान गांव घूमने गई थीं, जहां से वह अचानक लापता हो गईं। वह अपने 15 साल के बेटे को होटल में छोड़कर कथित तौर पर पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) पहुंच गई थीं।
गायब होने के 9 दिन बाद, 23 मई को पाकिस्तानी रेंजर्स ने सुनीता को भारतीय अधिकारियों को सौंप दिया। इसके बाद उसे अटारी-वाघा बॉर्डर के ज़रिए भारत वापस भेजा गया और अमृतसर में एफआईआर दर्ज की गई। खबर है कि पूछताछ के दौरान सुनीता बार-बार अपना बयान बदल रही हैं और अब वह जमानत मिलते ही फिर से पाकिस्तान लौटने की बात कह रही हैं। हालांकि पुलिस ने इस दावे पर कोई आधिकारिक टिप्पणी नहीं की है।
एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, पूछताछ के दौरान सुनीता ने दावा किया कि वह नौकरी और पैसे की तलाश में पाकिस्तान गई थीं। पुलिस ने जब उसका मोबाइल फोन बरामद किया तो वह पहले से फॉर्मेट किया हुआ था और उसमें एक संदिग्ध ऐप भी इंस्टॉल मिली है। अब फॉरेंसिक टीम फोन से डिलीट डाटा और संभावित स्पाईवेयर की जांच कर रही है।
पुलिस का मानना है कि सुनीता का पाकिस्तान में कई लोगों से संपर्क था, जिनमें एक व्यक्ति जुल्फिकार और एक पादरी (पास्टर) भी शामिल हैं। अधिकारियों की कोशिश है कि पता लगाया जाए कि उसने इन लोगों से किस तरह की बातचीत या जानकारी साझा की। फिलहाल पुलिस सुनीता की हर गतिविधि की गंभीरता से जांच कर रही है।